बहुत याद किया
तुझे आज बहुत याद किया
लंबी चांदी सी रातों को
अपनी मीठी सी बातों
उन दिलचस्प तेरे स्वादों को
आज बहुत याद किया
हरे हरे उस सेहरा में
कच्ची पक्की राहों पर
तुझको आजमाना
आज बहुत याद किया
गुलाबी सी वो श्याम को
क्षितिज में ढालते सूरज को
तेरे संग समय बिताना
आज बहुत याद किया
तेरा हाथों को गुदगुदाना
तेरी गर्मी से उनको तपाना
अपने नखों को चुभाना
आज बहुत याद किया
बातों बातों में जब ,
तुझसे नजर मिलाना
और खुद को उनमें पाना
आज बहुत याद किया
सीने पर रख कर सिर मेरा
तेरी धड़कन से ताल मिलाना
तेरा मेरे बालों को सहलाना
आज बहुत याद किया
कोई बहाना न बनाना
सिर्फ शरारतें बढ़ाना ,
तेरी बाहों में जकड़ जाना
आज बहुत याद किया।
माथे पर मीठा बोसा पाना
मेरा थोड़ा थोड़ा घबराना
फिर तेरे संग हो जाना
आज बहुत याद किया
मेरी खुशबू से तुझे महकाना
बालों को खोल तुझे बेहकाना
फिर खुद ही मदहोश जाना
आज बहुत याद किया
तेरे प्यार में डूब जाना
मेरे कानो में तेरा खुस्फुसना
कहना, not going to leave you!!
आज बहुत याद किया
अधूरे अपने ख्याब छोड़
फिर मिलने की आस लिए
तुझसे विदा हो जाना
आज बहुत याद किया।