Tuesday 27 October 2015

Daksh Sharma, My Rising Star | Proud Moment for family

I can't express my feelings after watching this Video...My Kid is superstar for me (Daksh Sharma) , Great Performance!! It’s just a start for my KID.... I know he will get all the success in vibrant colors .With his sincerity and hard work. Lots and lots love and blessings to my Hero...
I request all my friends to watch this video and appreciate the Rising Star.... Your Comments and Re-sharing will be very much valuable to this kid


Friday 9 October 2015

अधर्म - धर्म

अधर्म हम इतना फैला रहें हैं,
कुछ इस तरह हम अपने-अपने धर्म को बचा रहे है

   गौ माता की रक्षा की बीन बजा रहे है,
  और अपनी माँ को ही घर से भगा रहे है
  कुछ इस तरह हम अपना- अपना घर्म बचा रहें हैं

 आतंकवाद से बचाने की गुहार लगा रहे है,
और आतंकवादी के जनाज़े में कन्धा देकर आरहे है,
कुछ इस तरह हम अपना-अपना धर्म बचा रहे है

  चंद पानी के छीटों को ईश्वर की पहचान बता रहे है,
  रोटी के लालच में, गरीब का धर्मान्तरण करा रहे है,
  कुछ इस तरह हम अपना- अपना  धर्म बचा रहे है,

 आरक्षण  की मांग में, शहरों के धुँए उड़ा रहे है,
और समानता के अधिकार का रोना गा रहे है,
कुछ इस तरह हम अपना- अपना  धर्म बचा रहे है,

   अधर्म हम इतना फैला रहें हैं,

  कुछ इस तरह हम अपने-अपने धर्म को बचा रहे है

Thursday 9 July 2015

कुछ अनकही यादें - आखों में हम खूब काजल लगाते....



आखों में हम खूब काजल लगाते,
फिर उन आखों से तुम्हें डराते,

चहरे पर कभी लाली न लगते,
नहीं तो तुम प्यार हमें, कैसे कर पाते 

कानों से बाली को रोज़ हटाते,
ताकि तुम उन्हें बार-बार पहनाते 

हाथों की चूड़ियाँ , इतनी खनकाते  
इस तरह तुम्हारा ध्यान , अपनी  ओर खींच  लाते 

चेहरे को अश्कों से रोज़ नहलाते,
ताकि हमारे आसूं भी मोती कहलाते 

अब तो बस यादों में खो जाते,
उस चादर में , सिमट कर सो हम जाते,

जो, तुम्हारी खुशबु से हमें अब भी महकाती है,
 तुम साथ हो मेरे, ये एहसास कराती है । 

Monday 16 March 2015

अब तुम आओगे


चाँद को निहारते रात  गुज़र गयी
कि अब तुम आओगे
तारों की झिल-मिल से भी पूछा
कि कब तुम आओगे

पत्ते भी खुसफुसा रहे थे,
मेरे प्यार को पागलपन बता रहे थे
कहा मैंने , दिखा दूँगी सबको,
जब तुम आओगे

हवा भी सरसरा कर हँसी
और कहा... करो इंतजार!!
तुम नहीं आओगे
मैंने भी कह दिया, मुझे है ऐतबार.....

दरवाजों को आजमाया
कही खुल न पाये हो..
उसने इशारा किया..
कही और उनकी न राहें हो

कहा मैंने होगी सबकी शिकायत  ,
जब तुम आओगे....
सबने हँस कर कहा
हम भी देखे ! कब तुम आओगे.........

आगये तुम!! आहटों ने चौंकाया...
ऐसे कई-कई बार मेरा मज़ाक बनाया

खयालों में  कई बार नाराज हुई..
और कई बार तुमने मनाया....
देरी से आने का बहुत बहाना बताया
वादा किया की अब  न कभी मुझे  छोड़ यूँ जाओगे..

सूरज ने रौशन किया सवेरा
रात यूँही निकल गयी
राह ताकि इन आखों ने,
कि अब तुम आओगे,कि अब तुम आओगे

Monday 16 February 2015

कदम बढ़ते गए, और यादें साथ चलती गयी



कुछ इस तरह आपको महसूस किया की,
कदम बढ़ते गए, और यादें साथ चलती गयी

किताबों को छुआ तो महसूस हुआ वो अपनापन,
जिस से आपने बहुत कुछ सिखाया था हमें,
शब्द पढ़ते गए , कानों में आवाज़ पड़ती गयी
कदम बढ़ते गए, और यादें साथ चलती गयी

तकिये के पास पड़ा था चश्मा
दिखा तो, आँखों की देख ली निष्पक्षता
वो सफ़ेद धोती ,आपकी सरलता का आभास करा गयी
कदम बढ़ते गए, यादें साथ चलती गयी

आपके हाथों के लिखे कुछ पुर्ज़ों  से अवाक रह गयी
हाथों  की सिलवटों से, माथे की लकीरो तक का अनुभव
छीपा था इसमे, आपकी भावनाओं में भावुक हो गयी
कदम बढ़ते गए, और यादें साथ हो गयी

पत्तों की आवाज़ ने याद दिला  दिया,
हमको सींचा था, आपने किस स्नेह से
जैसे माली ने सींचा है अपनी बगिया को
बिना किसी संदेह से,
कदम बढ़ते गए, और यादें साथ चलती गयी

कोने में खड़ी वो लाठी ,
याद करा गयी कई बाते, मोटी हो या नाटी
कुछ किस्से और कहानियाँ, जो थी आपकी यादों में मेरी संगी-साथी
कदम बढ़ते गए, और यादें साथ चलती गयी

रास्ते में ठोकर लगी, एक कपड़े की गेंद मिली,
वही जो आपने बनाई थी, मेरे लिए
इतनी सहज की जरा भी चोट लगे,
आज वो भी ज़ख्म  कर गयी
कदम बढ़ाते  गये और यादें आँख भर गयी

सड़क के कोने का वो मंदिर, देखा वही एक पेड़,
जहाँ टहल कर बैठ जाया करते थे आप ..
आज उसकी छांव भी कही खो गयी
कदम बढ़ते  गये पर यादें साथ हो गयी

कुछ इस तरह आपको महसूस किया की,
कदम बढ़ते गए, और यादें साथ चलती गयी

Wednesday 21 January 2015

A story in a Poetry| The Dimple Girl, Turns Pimple Girl For Garnier Pure Active Neem Contest

एक थी कन्या नन्ही-सी

चंचल सी, sunny- सी

बेपरवाह - लापरवाह सी
पंखुड़ी इक कमल सी

खेलती रहती बगिया में
जैसे तितली चपल-सी

न थी दुनिया की सुद्बुध
अल्हड सी , पर अटल सी

पापा की थी princess
मम्मी की थी success

खूब पढ़ाया - खूब लिखाया
हर फील्ड में top करवाया

खेलों में भी थी वो आगे,
हर competition उसने जीत दिखाया

कोशिश करती सीखने की,
अब आदत थी उसे जीतने की

School में था लहराता परचम
Classmates  भी भरते थे दम

उम्र हुई अब स्यानो की
झुमके और काजल के  नैनों की

college के भी दिन आगये
top college में admission  पा गए …

लड़को की भी आँखें फिरती,
जब कॉलेज में वो हिरणी चलती

हो जाते उसके तेज से घायल
 पर वो थी अपनी मन की कायल

फिर आये Campus के दिन,
Job भी लग गयी  कोई struggle के बिन,

मम्मी-पापा की बिटिया रानी
बन चुकी थी professionals की नानी

placement हुई दूजे शहर में
घरोंदा छोड़ उडी सहर  में

काम करने के दिन आगये
corporate के नाम पर भेजा खागए

याद आये अब घर का प्यार
माँ की रोटी और पापा का दुलार

Health हो गयी थी ignore
भुजी- भुजी, रुझी -रुझी

जैसे पतझड़ का सुख बोर

सूखी-सूखी, रूखी -रूखी
नज़रें हो गयी झुकी-झुकी

चेहरे पर हो गये मोटे pimple
ध्यान न दिया, और खो गए dimple

दुनिया का ध्यान कहा था
रहते थे बड़े simple-simple

उधर माँ-पा के अरमान बढ़े
की अब बेटी की शादी करें

राज कुमार मैं चाहूंगा,
ऐसा दामाद मैं लाऊंगा

बिटिया रानी ने भी हामी भरी
सोने जैसी थी वो खरी

अरमान अब उसने भी जगाये थे
सपनो में उसके, राजा लेने आये थे

शुरू हुई अब searching  –verching
Matrimony, local networking

पापा-माँ  करे रोज़ shortliting
फिर बिटिया को करते forwarding

profession देख जवाब भी आये
हर कोई ऐसी कन्या चाहे

लड़को से मिलने के दिन आये
कई नए अरमान दिल में जगाये

हर लड़का मिलना  चाहता
पर मिलने के  बाद जवाब न आता

कोई कहता विचार न मिलें
कोई कुंडली का बहना बताता

पापा पर अब छा गयी टेंशन
क्या शादी होगी, मिलने पर पेंशन?

मम्मी ने भगवान मनाये
कोई तो बेटी को ब्याह ले जाये

Suitable अब आये न रिश्ते
विचार हुए लोगों  के सस्ते

confidence अब  हो गया चूर
वो भागती थी अब दुनिया  से दूर

दुनिया की यही रह गयी है रीत
सीरत को सूरत अब करती है beat

वो थे इतने भोले-भले
समझ न पाये जग के खेल निराले

अब आयी आंटी पड़ोसन
पंचायत जो करती हरदम

कहती कराओ ट्रीटमेंट चेहरे के
कहीं ये रह न जाए बिन फेरे के

मम्मी को हो गयी और भी टेंशन
रहते अब  सब गुमसुम-गुमसुम

फिर एक आया रिश्ता नया
जैसा बेटी ने था चाहया

पर आत्मविश्वास खो गया
वैसा चंचल मन सो गया

हिम्मत फिर से माँ ने बांदी
बिटिया की कीमत किसी ने न जानी

अब आया मिलने का दिन
घर में  पधारे बन्दे तीन

लड़का के चेहरे पर  तेज
थी एक दम suitable age

कन्या बैठी सिमटी-सहमी
नज़रे नीचे, गहमी-गहमी

लड़के ने उसके मन को भांपा
कहा लड़की पसंद है पापा

लड़के की माँ ने पास बैठायी
कहा हमें तू बहुत पसंद आई

खुशी के आसूं , नैनो से फूटे
जुड़ गए सारे सपने टूटे

संस्कारों के थे वो धनि
जहा बिटिया की थी बात बनी

उसने दिल की बात बताई
की pimples से उस पर क्या बन आयी

सासु माँ थी बड़ी सयानी
कहती मेरी बिटिया रानी,

न कर चिंता, न कर परवाह
ये है product  जानी –मानी

Garnier Pure Active Neem
use कर दिन में drops तीन

एक week की बात है
होंगे तेरे pimples clean

बिटिया ने ये नुस्खा अपनाया
फिर-से खिला हुआ चेहरा पाया,

अब थी वो तितली चुल-बुल
संजन संग गयी खुशियों में घुल

दूल्हे का सेहरा और डोली सजी
चले हाथों में हाथ लिए 

सब थे खुश अब, सब थे राजी
जीती उस ने thi ये भी बाजी

ये थी बिटिया की कहानी, 
चहरे पर हँसी , आँखों में पानी 

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