When you completely lose yourself, you find it once again somewhere, the lonely YOU.. nothing left other then regrets and incompleteness. Regrets of leaving behind everything.
भूल गयी हूँ, अच्छा सोना,
वो मस्ती से खुश होना,
मुस्कान तो रहती चेहरे पर
भूली हँसी से आखें धोना
सपने होते थे सिद्धि के
जब देखी न थी ऐसी दुनिया,
अब हो गया ज्ञान सत्य का ,
के ये सब तो है दिखाने को ,
ऐसे भी कुछ दिन होते थे,
जब लज्ज़त को होती थी रसना,
सोच समझ केर चलती अब तो,
भूल गयी सत कहना,
रिश्तों से प्रेम हैं अब भी,
खली फ़ोन पर जताने को,
उसमें भी गणित आगई
पैसों का हिसाब लगाने को,
खुली आँख से सपने देखे,
A story of very ambitious, Career Oriented girl left many things behind.Lost herself in the journey of achieving her goal.
कहीं खो गयी हूँ मैं
शायद सो गयी हूँ मैं
प्रेम भी है , सम्मान भी है,
मंज़िले भी है, मुकाम भी,
प्रेम भी है , सम्मान भी है,
मंज़िले भी है, मुकाम भी,
पर मैं - मैं नहीं
खोज रही , अब खुद को,
कुछ झूठे अफसानों में,
माप रही है दुनिया मुझको,
कुछ अनचाहे पैमानों में'
कहीं खो गयी हूँ मैं
शायद सो गयी हूँ मैं
चाहत न रही मन में
सिवाय खुद को पाने की
थोडा-सा समय ,
अब खुद के साथ बिताने की
हिम्मत न रही दिल में
कुछ और नया अपनाने की,
बनावटी इस दुनिया में,
कुछ साबित कर दिखाने की ,
भाग- दौड़ से भरी ज़िन्दगी,
जहाँ अपनों का कोई स्थान नहीं,
झूठी शान-ओ- शौकत में,
अब अपनों का कोई मान नहीं
खोज रही , अब खुद को,
कुछ झूठे अफसानों में,
माप रही है दुनिया मुझको,
कुछ अनचाहे पैमानों में'
कहीं खो गयी हूँ मैं
शायद सो गयी हूँ मैं
चाहत न रही मन में
सिवाय खुद को पाने की
थोडा-सा समय ,
अब खुद के साथ बिताने की
हिम्मत न रही दिल में
कुछ और नया अपनाने की,
बनावटी इस दुनिया में,
कुछ साबित कर दिखाने की ,
भाग- दौड़ से भरी ज़िन्दगी,
जहाँ अपनों का कोई स्थान नहीं,
झूठी शान-ओ- शौकत में,
अब अपनों का कोई मान नहीं
भूल गयी हूँ, अच्छा सोना,
वो मस्ती से खुश होना,
मुस्कान तो रहती चेहरे पर
भूली हँसी से आखें धोना
सपने होते थे सिद्धि के
जब देखी न थी ऐसी दुनिया,
अब हो गया ज्ञान सत्य का ,
के ये सब तो है दिखाने को ,
ऐसे भी कुछ दिन होते थे,
जब लज्ज़त को होती थी रसना,
सोच समझ केर चलती अब तो,
भूल गयी सत कहना,
रिश्तों से प्रेम हैं अब भी,
खली फ़ोन पर जताने को,
उसमें भी गणित आगई
पैसों का हिसाब लगाने को,
खुली आँख से सपने देखे,
बार बार दिल मचलाने को,
जाने अब वो कहा खो गए,
कई अरमाँ नए दबाने को,
जाने अब वो कहा खो गए,
कई अरमाँ नए दबाने को,
कही खो गयी हूँ मैं,
शायद सो गयी हूँ मैं,
प्रेम भी है , सम्मान भी है,
मंज़िले भी है, मुकाम भी,
शायद सो गयी हूँ मैं,
प्रेम भी है , सम्मान भी है,
मंज़िले भी है, मुकाम भी,
पर मैं - मैं नहीं …
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