आत्म प्रयाण पूर्व / समक्ष, मैं इस एक पल को महसूस करने की इच्छा रखती हूँ, जो शायद मेरी ज़िन्दगी का एक खूबसूरत पल होगा।
तेरा मेरा
साथ हो अगर,
तो प्यार
बरसाऊँ सारा तुझ
पर,
भविष्य से लगता
अब डर ,
जीलूँ ज़िन्दगी का
अब पल हर
,
चल रही
हो जब आखिर
साँसे,
रह जाऊँ तेरी गोदी
में रख सर,
ऐसी खुश
नसीबी शायद हो
मेरी,
आखिर साँस
हो इतनी गहरी
,
ज़िन्दगी का उसमे
हो वो मज़ा,
के फिर
मौत न लगे
कोई सजा।
समा जाये
वो प्यार संग
तेरा,
समां होगा
कितना प्यारा,
खिला होगा
तब भी यह
चेहरा,
क्यूंकि तेरे हाथो
का श्रृंगार
जो इस
पर ठहरा
न रोऊँगी
- न चिल्लाऊँगी ,
चुप-चाप
वहाँ से चली
जाउंगी,
फिर कभी
न सताऊँगी
न फिर
कभी आखें दिखाऊँगी।
जब भी
चाहेगा साथ मेरा,
होगा संग
एहसास मेरा
ईश्वर से होगी
यही सदा
भूल जाये
वो प्यार तू
गहरा
तेरा मेरा
साथ हो अगर,
तो प्यार
बरसाऊँ सारा तुझ
पर,
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